
माइसोरे उद्यमिता मंच (Mysore Entrepreneurial Forum) के उद्घाटन समारोह में शुक्रवार को इंफोसिस के सह-संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति ने कहा कि गरीबी को कम करने और रोजगार सृजित करने का एकमात्र प्रभावी तरीका उद्यमिता है। उन्होंने कहा कि सरकार को उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनानी चाहिए और समाज में नवाचार का माहौल तैयार करना चाहिए।
यह मंच भेरुंडा फाउंडेशन द्वारा शुरू किया गया है, जो मैसूर के वाडियार वंश की एक पहल है। इसका उद्देश्य मैसूर की विरासत को पुनर्जीवित करना, नवाचार की भावना को फिर से जागृत करना और स्थिरता को बढ़ावा देना है।
उद्यमिता से रोजगार और नवाचार का विकास
श्री मूर्ति ने कहा कि रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन के लिए उद्यमिता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया के विकसित देशों ने यही रास्ता अपनाया है और भारत को भी इस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। “सरकार को एक उत्प्रेरक (catalyst) के रूप में कार्य करना चाहिए और ऐसी नीतियां बनानी चाहिए, जो नए उद्यमियों को प्रेरित करें। इससे न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि समाज में नवाचार और प्रगति का नया युग शुरू होगा,” उन्होंने कहा।
युवाओं को उद्यमशीलता की ओर प्रेरित करने का आह्वान
श्री मूर्ति ने युवाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में कदम रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि देश के युवाओं में अपार ऊर्जा और संभावनाएं हैं, और उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान कर हम उन्हें सफल उद्यमी बना सकते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को भी उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाले पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों को अपनाना चाहिए।
स्थानीय संसाधनों का उपयोग और सतत विकास पर जोर
भेरुंडा फाउंडेशन के इस मंच का उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है, बल्कि स्थानीय संसाधनों का सही उपयोग कर सतत विकास की ओर कदम बढ़ाना भी है। मंच का लक्ष्य मैसूर की सांस्कृतिक और औद्योगिक विरासत को पुनर्जीवित करना है और इसे आधुनिक उद्यमिता के केंद्र के रूप में स्थापित करना है।
सरकार और निजी क्षेत्र की साझेदारी जरूरी
श्री मूर्ति ने सरकार और निजी क्षेत्र के बीच मजबूत साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि एक प्रभावी नीति और निजी क्षेत्र की भागीदारी से न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि गरीबी को भी जड़ से समाप्त किया जा सकेगा।
मैसूर की उद्यमशीलता को पुनर्जीवित करने का प्रयास
इस मंच की स्थापना के पीछे उद्देश्य मैसूर को एक बार फिर से उद्यमशीलता और नवाचार के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाना है। भेरुंडा फाउंडेशन ने इस पहल के माध्यम से स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और नई पीढ़ी को नवाचार के क्षेत्र में अग्रसर करने का बीड़ा उठाया है।
उद्यमशीलता के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत
श्री मूर्ति ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना तभी साकार हो सकता है, जब देश में छोटे और मध्यम स्तर के उद्यम बढ़ें और इन्हें प्रोत्साहित करने के लिए सरकार और समाज एकजुट होकर प्रयास करें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्टार्टअप और नई कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत सुधार और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी है।
यह मंच मैसूर और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत साबित होगा और स्थानीय उद्यमियों के साथ-साथ युवाओं को उद्यमिता की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।