
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (आप) को बड़ा झटका लगा है। आप के दो नगर निगम पार्षद, रविंदर सोलंकी और नरेंद्र गिर्सा, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। शुक्रवार, 17 जनवरी 2025 को उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
कौन हैं ये पार्षद?
रविंदर सोलंकी बापरोला वार्ड से और नरेंद्र गिर्सा मंगलापुरी वार्ड से एमसीडी पार्षद हैं। दोनों पार्षदों का भाजपा में शामिल होना आप के लिए राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है। ये दोनों वार्ड पश्चिम दिल्ली सांसद कमलजीत सेहरावत के संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।
भाजपा नेताओं की उपस्थिति में हुए शामिल
भाजपा में शामिल होने के दौरान दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और पश्चिम दिल्ली के सांसद कमलजीत सेहरावत उपस्थित रहे। इस मौके पर भाजपा नेताओं ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी की नीतियों और कार्यप्रणाली से नाराज होकर ये पार्षद पार्टी छोड़ने को मजबूर हुए।

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इन पार्षदों का भाजपा में शामिल होना राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे न केवल आप की छवि को नुकसान पहुंचा है, बल्कि भाजपा को अपने संगठन को मजबूत करने का मौका भी मिला है। भाजपा का कहना है कि यह जनता के बीच उनकी बढ़ती स्वीकार्यता का संकेत है।
रविंदर सोलंकी का बयान
भाजपा में शामिल होने के बाद रविंदर सोलंकी ने कहा, “आम आदमी पार्टी ने अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं किया। जनता का भरोसा टूट रहा है और पार्टी की नीतियां केवल प्रचार तक सीमित हैं। मैंने भाजपा की विकासोन्मुखी सोच को देखते हुए इसमें शामिल होने का फैसला लिया।”
नरेंद्र गिर्सा का विचार
नरेंद्र गिर्सा ने कहा, “आप के नेतृत्व में काम करना मुश्किल हो गया था। पार्टी में पारदर्शिता की कमी और वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी ने मुझे निराश किया। भाजपा में शामिल होकर मैं अपने क्षेत्र की सेवा बेहतर तरीके से कर सकूंगा।”
भाजपा का दावा
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस अवसर पर कहा, “यह भाजपा की नीतियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकासोन्मुखी सोच की जीत है। आप के पार्षदों का भाजपा में शामिल होना यह साबित करता है कि आम आदमी पार्टी की जमीनी पकड़ कमजोर हो रही है।”
आप की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने इन पार्षदों के पार्टी छोड़ने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ता ने इसे “राजनीतिक प्रलोभन” का नतीजा बताया और कहा कि जनता इन घटनाओं से प्रभावित नहीं होगी।
चुनावी माहौल में बदलाव
इस घटना के बाद दिल्ली की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा ने इसे अपनी रणनीतिक जीत बताया है, जबकि आप के लिए यह एक बड़ा झटका है। इस घटनाक्रम का विधानसभा चुनाव के नतीजों पर क्या असर पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
दिल्ली की राजनीति में हर कदम चुनावी समीकरणों को बदल सकता है, और इस घटना ने भी चुनावी माहौल को गर्मा दिया है।