






The mosque of Aligarh Atrauli village Bemveer Pur also gives testimony stone
उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ तहसील अतरौली क्षेत्र में गांव बेमविर पुर का इतिहास सुनहरा रहा है।
इस गांव में 3000 की आबादी जहां पंडित ठाकुर और मुस्लिम छोंकर राजपूत की बड़ी आबादी में संख्या है।
गांव का इतिहास 1000 साल पुराना है और वहां पर बनी मस्जिद जो 150 साल पुरानी है।
1857 के गदर मैं हरियाणा से बहुत से लोग आये मेवाड़ी सरदार मुस्लिम छोंकर राजपूत की जो अलीगढ़ के अतरौली क्षेत्र गांव के बेमवीर पुर में आकर बसी है।
गदर के दौरान हरियाणा से आए कई परिवारों के लिए गांव बेमवीर पुर सहारा बना।
और हरियाणा से आए मुस्लिम छोंकर राजपूत ने भी गांव को बहुत जल्दी अपना लिया।
और इसकी गवाही 150 साल पुरानी मस्जिद और उस पर लगी पत्थर देता है।
जनपद अलीगढ़ तहसील अतरौली गाँव बैमवीर पुर गांव तक़रीबन 1000 साल पुराना है यहाँ एक मस्ज़िद जो तक़रीबन 150 साल पुरानी है। जिसकी गवाही वहा पर लगा पत्थर भी देता है।
मस्जिद की तामीर गदर के दौरान हरियाणा से आए हुए मुस्लिम छोंकर राजपूत ने कराई थी।
मस्जिद की तामीर की बुनियाद सन 1899 मैं अहमद खैराती खां पुत्र मुहम्मद बख्श खां ने अपने बेटे अब्दुल वहीद खां के नाम से ईसालेह सवाब के लिए बनवाई थी। जिसकी जानकारी मस्जिद पर लगी पत्थर पर मौजूद है।
जानकारी के मुताबिक मस्जिद के अंदर बीच के दरवाजे के ऊपर पत्थर लगा है जिसमें उस वक्त मस्जिद बनाने वाले का नाम भी लिखा है।
और जब से उन्हीं के परिवार के लोग मस्जिद का इंतजाम देखते आ रहे हैं।
मस्जिद की तामीर के दौरान पूरे गांव का सहयोग रहा है।
जिसका पूरा इन्तजाम खैराती खान की औलाद पर है जो ईसालेह सवाब के लिए करते हैं और आगे भी करते रहेंगे।
यह रही गांव बेमवीर पर में बसे मुसलमानों की और वहां की मस्जिद का सुनहरा इतिहास, जिस की गवाही मस्जिद में लगा पत्थर भी देता है।