
अवाम विकास मंच एक आराजनीतिक संगठन है जो समाज के हर तबके के विकास और एकता के लिए काम कर रहा है। इस संगठन के राष्ट्रीय महासचिव और दरगाह बन्नेर शरीफ के सज्जादा नशीन राव मोहिबुर रहमान साहब ने इस खास मौके पर तमाम अवाम से अपील की है कि वे होली को प्यार, अमन और भाईचारे के साथ मनाएं। उन्होंने कहा कि होली का त्योहार न सिर्फ रंगों से खेलने का है बल्कि दिलों को मिलाने और नफरतों को मिटाने का भी है।
राव मोहिबुर रहमान साहब ने कहा कि अवाम विकास मंच का मकसद समाज में प्यार और एकता को बढ़ावा देना है। हमारी तहज़ीब हमें सिखाती है कि चाहे हमारे विचार अलग हों या मजहब अलग हों, लेकिन हम सब इंसानियत के रंग में रंगे हुए हैं। होली के इस मौके पर उन्होंने लोगों से अपील की कि वे एक-दूसरे के साथ मोहब्बत और इत्तेहाद का सबूत दें।
दरगाह बन्नेर शरीफ हमेशा से अमन, भाईचारे और इंसानियत का पैग़ाम देती आई है। दरगाह का यह पैग़ाम है कि रंगों के इस त्योहार को खुशियों और मेल-मिलाप के साथ मनाया जाए। सज्जादे साहब ने कहा कि दरगाह से हमेशा यह संदेश दिया जाता है कि मोहब्बत के रंगों से नफरत को मिटाया जाए। दरगाह में आने वाले हर शख्स को यह सीख दी जाती है कि मजहब के नाम पर नफरत फैलाने वालों से दूर रहें और एकता के साथ रहें।
होली के इस मुबारक मौके पर अवाम विकास मंच और दरगाह बन्नेर शरीफ की तरफ से यह पैग़ाम है कि हमें चाहिए कि इस त्योहार को नफरतों को भूलकर मोहब्बत के रंग में रंग लें। राव मोहिबुर रहमान साहब ने कहा कि दरगाह और संगठन दोनों का मकसद अवाम की खिदमत और इंसानियत की तरक्की है। उन्होंने तमाम देशवासियों से अपील की कि इस होली पर दिलों के फासले मिटाकर एक-दूसरे के साथ मोहब्बत और भाईचारे का सबूत पेश करें।
इस होली पर हम सब मिलकर यह कसम लें कि नफरत की आग को बुझाकर अमन और मोहब्बत के फूल खिलाएंगे। रंगों के इस त्योहार पर नफरत और अदावत को पीछे छोड़कर एक-दूसरे के साथ गले मिलें और खुशी के रंग बिखेरें।
होली की ढेरों मुबारकबाद!