CHATI ANKH logo.cdr

लखनऊ में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की कार्यकर्ता बैठक में सूफी संत मलंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने लिया भाग – कल्लू अंसारी

WhatsApp Image 2025 01 08 at 11.37.56 PM

लखनऊ, 7 जनवरी (अंजुम अंसारी): मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उत्तर प्रदेश द्वारा 4 जनवरी को प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गांधी स्मृति हाल में कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित हुए। बैठक का प्रारंभ मुफ्ती नोमान साहब द्वारा कुरआन पाक की तिलावत से हुआ, जिसके बाद मुफ्ती मलंग साहब ने मंच की दुआ पढ़ी।

कार्यक्रम का संचालन कर रहे सय्यद रजा हुसैन रिज़वी ने अपने संबोधन में कहा कि यदि हिंदुस्तान में किसी भी मस्जिद में बुत (मूर्ति) मौजूद हैं, तो वहाँ नमाज़ नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि हमें आपसी संवाद के माध्यम से ऐसे मुद्दों का समाधान निकालने के प्रयास करने चाहिए।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने अपने संबोधन में भारत की सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत वासुदेव कुटुम्बकम् वाला देश है, और हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। हम उस देश से आते हैं, जहाँ मोहम्मद साहब को ठंडी हवा का सुकून मिलता था।”

डॉ. कुमार ने यह भी कहा कि भारतीय समाज में सांप्रदायिक सौहार्द्र और धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक पहल की गई है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि वे संघ प्रमुख मोहन भागवत के राष्ट्रहित में दिए गए बयान का सम्मान करें और भारत को विकास के रास्ते पर ले जाने का संकल्प लें।

WhatsApp Image 2025 01 03 at 8.30.17 PM
उन्होंने कहा कि अदालतें सर्वोपरि हैं, लेकिन विवादित धर्मस्थलों पर संवाद के माध्यम से समाधान निकाला जाना चाहिए, ताकि देश की एकता, अखंडता, और भाईचारा बनाए रखा जा सके। इसके अलावा, डॉ. कुमार ने संवाद के जरिये काशी, मथुरा और सम्भल जैसे विवादित स्थलों पर हिंदू समुदाय को संवाद के माध्यम से सौंपने का समर्थन किया।

डॉ. कुमार ने इस्लामिक सिद्धांतों के आधार पर यह स्पष्ट किया कि इस्लाम में बुतपरस्ती (मूर्ति पूजा) की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन मस्जिदों में टूटी हुई मूर्तियां पाई जाती हैं या जिन स्थानों पर मंदिर होने के ऐतिहासिक, सामाजिक या प्रत्यक्ष प्रमाण हैं, वहां नमाज पढ़ना इस्लामिक उसूलों के खिलाफ है और वहां की भूमि नमाज के लिए नापाक मानी जाती है।

वक्फ बिल संशोधन पर बात करते हुए डॉ. इंद्रेश कुमार ने कहा कि वक्फ संपत्तियाँ पूरी तरह से अल्लाह की इबादत के लिए समर्पित होती हैं और उन पर किसी प्रकार का विवाद या जबरन कब्जा गैरकानूनी है। उन्होंने इस बात का आश्वासन दिया कि आगे आने वाले दिनों में मजहब के नाम पर दंगे नहीं होंगे, बल्कि मोहब्बत और दीन के रास्ते पर चलने का प्रयास किया जाएगा।

इस बैठक में मंच के प्रमुख पदाधिकारियों ने भी भाग लिया, जिनमें राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, डॉ. शालिनी अली, इस्लाम अब्बास, सय्यद रजा हुसैन रिज़वी, कल्लू अंसारी, ठाकुर राजा रईस, तुषारकांत, आलोक चतुर्वेदी, मेहंदी हसन, अशरफ जमाल, डॉ. ताहिर शाह, चांदनी शाह, जाहिद शैफी, रईस खान, मोहम्मद अली, अशरफ, अल्तमस, फुरकान कुरैशी, आविद कुरैशी, शाह आलम, शमशाद, फरजान, शरीफ, जमील, असलम, निजाम, नवाब खान, शहजाद, अली, शाह हुसैन, मोहम्मद रफीक दरवेश खान, मोहम्मद कादरी, मोहम्मद शेख, शाहनवाज हसन, मोहम्मद हसीन, बासित कुरैशी, मुर्तजा खान, फिरोज आलम, इरफान, आसिफ सोहेल, जावेद अख्तर, फिरोज अंसारी, मुन्ना, चांद, जुनैद अंसारी, एजाज अंसारी, पप्पू भाई, नूर आलम, जीशान, मोहम्मद हनीफ, राजू बाबा, राबिया खान, शाहिदा खान, परवीन अख्तर, हसीना बानो, रहीसा बानो, असगरी बेगम, हाजरा बेगम, नुसरतजहां, मेहरून निशा, फिरदौस, करीमन, मालती, हेमलता, राजकुमारी, निशा, शकुंतला आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कार्यक्रम का समापन सूफी संत मलंग मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक कल्लू अंसारी के नेतृत्व में हुआ, जिन्होंने सभी कार्यकर्ताओं और प्रमुख पदाधिकारियों के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *