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गांव-गांव, मौहल्ले- मौहल्ले हो आर्य समाज की स्थापना:- संतोष बाला आर्यधूम धाम से मनाया गया आर्य समाज साहनपुर का वार्षिकोत्सव।

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मुरादाबाद मंडल ब्यूरो सपना वर्मा

जिला बिजनौर के कस्बा साहनपुर के आर्य समाज का वार्षिकोत्सव प्रातःकालीन यज्ञ के साथ प्रारम्भ हुआ। यज्ञ में विकास कुमार आर्य व अनामिका आर्य, संजीव शर्मा व पारुल एवं रामसिंह व मालती देवी यजमान रहें। यज्ञ के ब्रह्मा के रूप में हरप्रसाद शास्त्री व संतोषबाला आर्या रहें। यज्ञ में पवित्र वेद मंत्रों से राष्ट्र में की सर्व प्रकार से उन्नति के लिए मंगल कामना की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कामेंद्र आर्य ने की। कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज के कोषाध्यक्ष कविंद्र आर्य व प्रधान धर्मप्रकाश आर्य ने किया। भजनोपदेशक जयप्रकाश शर्मा ने अपने मधुर भजनों से उपस्थित सभी आर्यजनों का मन मोह लिया।

जलालाबाद के जीवन प्रभात गुरुकुल से आए तीनों ब्रह्मचारी बालकों ने मंत्रो, गीता का व प्रभु भक्ति के भजनों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। नजीबाबाद के वैदिक विद्वान हरप्रसाद शास्त्री ने बताया कि आर्यसमाज की स्थापना का उद्देश्य वैदिक धर्म को पुन: स्थापित कर जातिबंधन को तोड़कर संपूर्ण हिन्दू समाज को एकसूत्र में बांधना था। आर्य समाज के अनुसार ईश्वर एक ही है जिसे ब्रह्म कहा गया है। सभी हिन्दुओं को उस एक ब्रह्म को ही मानना चाहिए। 1892-1893 ई. में आर्य समाज में दो फाड़ हो गई। फूट के बाद बने दो दलों में से एक ने पाश्चात्य शिक्षा का समर्थन किया।

इस दल में लाला हंसराज और लाला लाजपत राय आदि प्रमुख थे। उन्होंने ‘दयानन्द एंग्लो-वैदिक कॉलेज’ की स्थापना की। इसी प्रकार दूसरे दल ने पाश्चात्य शिक्षा का विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप विरोधी दल के नेता स्वामी श्रद्धानंद जी ने 1902 ई. में हरिद्वार में एक ‘गुरुकुल कांगड़ी’ की स्थापना की। इस संस्था में वैदिक शिक्षा प्राचीन पद्धति से दी जाती थी। वे कहते थे ये सम्पूर्ण अखंड भारतवर्ष आर्यवर्त है और यहाँ रहने वाला हर व्यक्ति आर्य है।

क्षेत्रीय वैदिक विद्वान मुकेश आर्य व कामेंद्र आर्य ने संयुक्त रूप से कहा कि सभी मनुष्यों को ज्ञान प्राप्त कर अपने कर्म क्षेत्र में पदार्पण करना चाहिए, तभी पूर्ण सफलता प्राप्त हो सकेगी। धार्मिक व्यक्ति को विशेष रूप से वेद ज्ञान प्राप्त करके ही धर्म प्रचार में लगना चाहिये। अशुद्ध ज्ञान या आधा अधूरा ज्ञान व्यक्ति की सफलता में बाधक होता है। युवा शक्ति के निर्माण में सत्य ज्ञान को प्राप्त करना प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए। आज युवा शक्ति भ्रमित व दिशा हिंन है, जिसका एकमात्र कारण अज्ञानता का होना ही है। अतः हम सभी का कर्तव्य है कि राष्ट्र को सबल बनाने के लिए अपने युवकों को धार्मिक, सामाजिक, शारीरिक, उच्च शिक्षा, चरित्रवान बनने के ज्ञान का प्रबंध करें। अंत में आर्य समाज साहनपुर के मंत्री नवनीत आर्य ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में नानक चंद आर्य, उदयराज आर्य, शिवानी सिंह, सुरभि आर्य, अनामिका आर्य, विकास आर्य, छोटी देवी, रंजीत प्रजापति, नवनीत शर्मा, दीपिका आर्य आर्य, सतबीर सिंह, अतर सिंह, आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

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