
प्रयागराज: 31 जनवरी 2025 को उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थल प्रयागराज से हजारों श्रद्धालु अयोध्या के लिए रवाना हुए। यह यात्रा खासतौर पर अयोध्या में आयोजित होने वाली धार्मिक आयोजनों और राम जन्मभूमि के दर्शन के लिए की गई थी। श्रद्धालुओं के इस बड़े समूह ने पैदल यात्रा शुरू की, जिसे लेकर शहर में खास उत्साह देखा गया।
प्रयागराज से अयोध्या तक यह यात्रा विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा की जा रही है जो भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति व्यक्त करना चाहते हैं। स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिसमें जल, भोजन और चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं। प्रशासन द्वारा यात्री मार्ग पर सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया गया है, ताकि कोई भी श्रद्धालु किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करें।
यात्रा के दौरान विभिन्न धार्मिक संगठन और समाजसेवी संस्थाएं भी श्रद्धालुओं की मदद करने में जुटी हुई हैं। कई संगठनों ने रास्ते में श्रद्धालुओं के लिए जलपान, चाय और फल वितरित करने की व्यवस्था की है। साथ ही, कुछ जगहों पर मुफ्त चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं, ताकि किसी भी श्रद्धालु को यदि कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो तुरंत इलाज किया जा सके।
श्रद्धालु अयोध्या जाने के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इस यात्रा में कुछ भक्तों ने वाहनों का भी सहारा लिया है। अयोध्या पहुंचने पर भक्त राम जन्मभूमि के दर्शन करेंगे और वहां विशेष पूजा-अर्चना करेंगे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम भी जोरों पर चल रहा है, जिससे यह यात्रा और भी धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखती है। इस साल विशेष रूप से अयोध्या में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि राम मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच चुका है और भक्तों का मनोबल बहुत ऊंचा है।
प्रयागराज से अयोध्या के लिए रवाना होने वाले श्रद्धालुओं ने यात्रा के दौरान अपनी आस्था, विश्वास और धार्मिक भावना को और मजबूत करने की बात की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा उनके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव साबित होगी। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या में राम जन्मभूमि के दर्शन करने से उनके जीवन में एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होगा।
श्रद्धालुओं का मानना है कि इस यात्रा से उनका धार्मिक उन्नति के साथ-साथ आत्मिक शांति भी प्राप्त होगी। अयोध्या जाने वाली इस यात्रा में मुख्य रूप से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हैं। यह यात्रा न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक भी है।
अयोध्या जाने के लिए प्रस्थान करने वाले श्रद्धालुओं ने एकजुट होकर प्रभु राम के नाम का जाप करते हुए अपनी यात्रा शुरू की और उनका विश्वास है कि अयोध्या में भगवान राम के दर्शन उनके जीवन के सबसे पवित्र क्षण होंगे।