अलीगढ़, 5 सितंबर 2024 – उत्तर प्रदेश के पूर्व सहायक शासकीय अधिवक्ता गवेंद सिंह एडवोकेट और प्रियम ब्राह्मण एडवोकेट ने आज एक प्रेस बयान में जिला कासगंज बार की सम्मानित सदस्या श्रीमती मोहिनी तोमर एडवोकेट की हत्या की कड़ी निंदा की।
अज्ञात व्यक्तियों द्वारा श्रीमती मोहिनी तोमर की अगवा कर निर्मम हत्या की गई है, जिसने अधिवक्ता समुदाय में गहरा आक्रोश पैदा किया है। इस घटना के खिलाफ उन्होंने तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
गवेंद सिंह और प्रियम ब्राह्मण ने अपने बयान में कहा, “श्रीमती मोहिनी तोमर की हत्या से अधिवक्ता वर्ग में भारी रोष व्याप्त है। हम मांग करते हैं कि उनके हत्यारे को शीघ्रता से गिरफ्तार किया जाए और केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जाए। हत्या और अपहरण में शामिल अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।”
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि श्रीमती मोहिनी तोमर के पीड़ित परिवार को कम से कम 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। “अधिवक्ता समाज में पीड़ित और उपेक्षित लोगों की लड़ाई लड़ते हैं और समाज के दुख-सुख में शामिल होते हैं। उनकी सुरक्षा का मुद्दा गंभीर है। उत्तर प्रदेश सरकार को लंबे समय से लंबित प्रोटेक्शन एक्ट को शीघ्र लागू करना चाहिए,” गवेंद सिंह और प्रियम ब्राह्मण ने कहा।
उक्त बयान में कहा गया कि यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है बल्कि पूरे अधिवक्ता समुदाय और न्यायपालिका के लिए एक गहरा आघात है। श्रीमती मोहिनी तोमर का जीवन और उनका कार्यकर्म समाज के लिए प्रेरणादायक था। उनकी हत्या से कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न लगा है और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
गवेंद सिंह और प्रियम ब्राह्मण ने समाज और सरकारी संस्थानों से अपील की है कि वे इस घटना को गंभीरता से लें और सुनिश्चित करें कि न्याय की प्रक्रिया को पूरा किया जाए। उनका कहना है कि समाज में अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर नागरिक और राज्य की जिम्मेदारी है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अधिवक्ता समाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रोटेक्शन की आवश्यकता है। इसके लिए आवश्यक है कि सरकार त्वरित और प्रभावी कदम उठाए, जिससे अधिवक्ता समाज को सुरक्षा का अहसास हो सके और न्याय सुनिश्चित हो सके।
प्रधान संपादक: वाई. के. चौधरी, दैनिक छठी आंख समाचार