अलीगढ़, 5 सितंबर 2024:
फूड क्राफ्ट इंस्टिट्यूट, अलीगढ़ में शिक्षक दिवस का आयोजन छात्रों और शिक्षकों के बीच खास उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। 5 सितंबर को आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में छात्रों ने विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिनमें भाषण, संगीत, नृत्य और शिक्षकों को उपहार देने जैसी गतिविधियां शामिल थीं। छात्रों ने अपने शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए इस दिन को उनके समर्पण और योगदान के लिए समर्पित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना और दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें संस्थान के प्राचार्य श्री नीलेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव और अन्य वरिष्ठ शिक्षक उपस्थित थे। छात्रों ने अपने शिक्षकों को फूलों और उपहारों के साथ सम्मानित किया और उन्हें विभिन्न रचनात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। नृत्य, संगीत और कविता पाठ जैसी प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया और हर कोई इस खास अवसर पर शिक्षकों के सम्मान में भावुक हो उठा।
छात्रों ने अपनी प्रस्तुतियों में न केवल अपने शैक्षणिक अनुभवों को साझा किया, बल्कि यह भी बताया कि कैसे उनके शिक्षक न केवल पढ़ाई के क्षेत्र में, बल्कि जीवन के हर पहलू में उनका मार्गदर्शन करते हैं। इन प्रस्तुतियों ने साबित किया कि शिक्षक छात्रों के जीवन में केवल शिक्षा तक सीमित नहीं रहते, बल्कि जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक भी सिखाते हैं।
छात्रों की श्रद्धांजलि
छात्रों ने शिक्षकों को सम्मानित करते हुए उनके योगदान को सराहा। उन्होंने बताया कि किस प्रकार शिक्षक उनकी जिंदगियों में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं और उन्हें चुनौतियों से लड़ने का साहस प्रदान करते हैं। एक छात्र ने अपनी कविता में कहा, “शिक्षक वो दीपक हैं, जो अज्ञानता के अंधेरे को दूर कर ज्ञान की रोशनी फैलाते हैं। उनकी मेहनत और समर्पण से ही हम अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं।”
इस अवसर पर छात्रों ने शिक्षकों को स्मृति चिन्ह और उपहार भेंट किए। शिक्षकों के चेहरे पर छात्रों के इस स्नेह और सम्मान को देखकर मुस्कान साफ झलक रही थी। यह आयोजन न केवल छात्रों और शिक्षकों के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत करने का जरिया बना, बल्कि इससे सभी ने शिक्षकों के महत्व को और भी बेहतर तरीके से समझा।
प्राचार्य का संदेश
कार्यक्रम के अंत में, फूड क्राफ्ट इंस्टिट्यूट के प्राचार्य श्री नीलेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने शिक्षक दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एक प्रेरणादायक संदेश दिया। उन्होंने कहा, “यह दिन हमारे लिए एक अवसर है कि हम अपने शिक्षकों को उनकी मेहनत, समर्पण और ज्ञान के लिए धन्यवाद कहें। शिक्षक हमारे जीवन के मार्गदर्शक होते हैं, जो न केवल हमें पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढ़ाते हैं, बल्कि जीवन की महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के लिए भी तैयार करते हैं।”
श्री श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में छात्रों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन शिक्षकों के प्रति छात्रों की गहरी श्रद्धा और प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “छात्रों द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न कार्यक्रमों और उपहारों से यह साफ झलकता है कि हमारे शिक्षकों का योगदान कितना महत्वपूर्ण है।”
श्री श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि शिक्षक संस्थान की रीढ़ होते हैं, और उनकी मेहनत और मार्गदर्शन के बिना छात्रों का सर्वांगीण विकास संभव नहीं है। उन्होंने सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया और कहा कि संस्थान की सफलता में उनके योगदान को हमेशा सराहा जाएगा।
उत्साह और सौहार्द का माहौल
शिक्षक दिवस के इस आयोजन ने पूरे संस्थान में एक उत्सव जैसा माहौल पैदा कर दिया। छात्रों और शिक्षकों के बीच आपसी सौहार्द और सम्मान की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई दी। इस अवसर पर शिक्षकों ने भी छात्रों की सराहना की और उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। यह दिन छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए यादगार बन गया, जो आने वाले वर्षों तक इस दिन को स्मरण करते रहेंगे।
शिक्षक दिवस के इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि शिक्षा का असली मकसद केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन के हर पहलू में शिक्षकों के योगदान को पहचानने और सम्मान देने का अवसर भी है।
प्रधान संपादक: वाई. के. चौधरी, दैनिक छठी आंख समाचार