
कोलकाता, 20 जनवरी 2025: रजीव कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त 2024 को एक ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी पाए गए संजय रॉय को सेाल्डा सेशन कोर्ट ने आज उम्रभर की सजा सुनाई। हालांकि, पीड़िता के माता-पिता ने इस फैसले पर असंतोष जताया और इसे “सबसे दुर्लभ” मामलों में से एक बताते हुए दोषी को मौत की सजा देने की मांग की।
सेशन कोर्ट के जज अनिर्बान दास ने मामले की सुनवाई के बाद कहा कि इस केस के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर इसे “सबसे दुर्लभ” मामले के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है, और इसलिए अभियोजन पक्ष की मौत की सजा की याचिका को खारिज कर दिया।
पीड़ित डॉक्टर के माता-पिता का कहना था कि यह एक बेहद जघन्य अपराध है, और इस मामले में दोषी को मौत की सजा मिलनी चाहिए थी, ताकि समाज में एक कड़ा संदेश जाए। पीड़िता के पिता ने कहा, “हमारे लिए यह मामला सबसे दुर्लभ है और हम न्याय की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हमें यह उम्मीद नहीं थी कि दोषी को ऐसी सजा मिलेगी।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी और कहा कि अगर राज्य पुलिस ने इस मामले को संभाला होता तो दोषी को मौत की सजा मिलती। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन की ओर से कड़ी मेहनत के बावजूद कोर्ट ने इस मामले को ठीक से नहीं समझा और सजा में कोई कठोरता नहीं दिखाई।
यह मामला मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, जहां कई लोग इसे न्याय के प्रति असंतोष के रूप में देख रहे हैं। मामले में दोषी को दी गई सजा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, और अब तक इसे एक सामान्य अपराध के रूप में देखा जा रहा है, जबकि पीड़िता के परिवार का कहना है कि यह एक अत्यंत जघन्य अपराध था जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।