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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नकली दूध, पनीर और घी बनाने की फैक्ट्री पर छापा, 100 क्विंटल मिलावटी सामान जब्त

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बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में खाद्य विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली दूध, पनीर और घी बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। इस छापेमारी में 100 क्विंटल मिलावटी सामग्री बरामद की गई है, जिसमें दूध बनाने के खतरनाक रसायन भी शामिल हैं। ये मिलावटी उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए घातक हैं, बल्कि गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर तक का कारण बन सकते हैं।

खतरनाक तरीके से तैयार किया जा रहा था नकली दूध

खाद्य विभाग की छानबीन में खुलासा हुआ कि फैक्ट्री में मात्र 1 लीटर केमिकल से 500 लीटर नकली दूध तैयार किया जा रहा था। इस नकली दूध का इस्तेमाल पनीर और घी बनाने में भी किया जा रहा था। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और चार गोदामों को सील कर दिया है।

फैक्ट्री से बरामद हुए रसायन

जांच के दौरान फैक्ट्री में ऐसे रसायन मिले, जिनका उपयोग दूध का स्वाद और रंग बदलने के लिए किया जा रहा था। इनमें सैकरिन और अन्य रसायन शामिल थे। यह रसायन न केवल नकली दूध को असली जैसा दिखाने में मदद करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हैं। इसके अलावा, एक विशेष प्रकार का केमिकल पेस्ट भी मिला, जिसे पानी में मिलाने पर दूध जैसा स्वाद और गाढ़ापन मिलता है।

पनीर और घी का उत्पादन

फैक्ट्री में पाए गए अन्य सामानों में SMP पाउडर (स्किम्ड मिल्क पाउडर) और रिफाइंड ऑयल शामिल थे। इन सामग्रियों को मिलाकर पनीर और घी तैयार किया जा रहा था। खाद्य विभाग ने पनीर, SMP पाउडर और रिफाइंड ऑयल के नमूनों को जांच के लिए लखनऊ लैब भेजा है।

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खाद्य विभाग की कार्रवाई और आगे की जांच

खाद्य आयुक्त विनीत कुमार ने जानकारी दी कि फैक्ट्री संचालक द्वारा नकली दूध और पनीर की आपूर्ति दिल्ली और नोएडा के बाजारों में की जा रही थी। आरोपी ने यह भी बताया कि वह एक बार में तीन से चार क्विंटल पनीर तैयार करता था। फैक्ट्री पिछले कुछ समय से सक्रिय थी, लेकिन इसे हाल ही में, 28 अप्रैल को, पंजीकरण प्राप्त हुआ था।

नकली दूध और पनीर की पहचान कैसे करें?

खाद्य विशेषज्ञों के अनुसार, नकली दूध और पनीर की पहचान करना बहुत जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जा सकते हैं:

1. दूध का रंग: यदि दूध का रंग असामान्य रूप से सफेद या बहुत हल्का हो और उसमें अजीब गंध या स्वाद हो, तो वह नकली हो सकता है।

2. दूध का पतलापन: दूध को किसी तिरछी सतह पर गिराएं। यदि वह पानी जैसा निशान छोड़ता है, तो उसमें मिलावट हो सकती है।

3. डिटर्जेंट की पहचान: 5-10 मिलीलीटर दूध में समान मात्रा में पानी मिलाएं और हिलाएं। यदि झाग असामान्य रूप से अधिक बनती है, तो दूध में डिटर्जेंट हो सकता है।

जनता को किया जा रहा है सतर्क

खाद्य विभाग ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। नकली दूध और पनीर का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत खतरनाक हो सकता है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे दूध या पनीर खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता की जांच जरूर करें।

फैक्ट्री संचालक की गिरफ्तारी और आगामी कार्रवाई

फैक्ट्री के संचालक और तीन कर्मचारियों को मौके से गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ जारी है कि ये रसायन और मिलावटी सामग्री कहाँ से लाई जा रही थी और उनकी सप्लाई किन-किन जगहों पर की जा रही थी। खाद्य विभाग ने यह भी कहा है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद और सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नकली उत्पादों का खतरा और विभाग की जिम्मेदारी

नकली दूध, पनीर और घी के बढ़ते मामले स्वास्थ्य और जीवन के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। यह मिलावटी कारोबार न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि समाज के लिए भी घातक है। खाद्य विभाग की इस कार्रवाई ने इस घिनौने व्यापार पर कुछ हद तक लगाम लगाने का प्रयास किया है। जनता को सतर्क रहकर और नकली उत्पादों की शिकायत करके विभाग का साथ देना चाहिए, ताकि इस तरह की फैक्ट्रियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके।

निष्कर्ष:

इस छापेमारी से यह स्पष्ट हुआ है कि नकली दूध, पनीर और घी का कारोबार लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जनता को जागरूक होना होगा और ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को देनी होगी। खाद्य विभाग की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि मिलावटखोरी के इस घिनौने व्यापार पर लगाम लगेगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।

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