
ABKS का मुख्य उद्देश्य
शिक्षा: संगठन छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, कोचिंग और मुफ्त शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराकर शिक्षा का प्रसार कर रहा है।
रोजगार: स्वरोजगार और कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है।
सांस्कृतिक संरक्षण: अल्पसंख्यक समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और उसे नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
सामाजिक सशक्तिकरण: समाज के सभी वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए सामूहिक प्रयास किए जा रहे हैं।
जमीनी स्तर पर काम करने की रणनीति
ABKS ने माइक्रो प्लानिंग को अपनाया है, जिसके तहत स्थानीय जरूरतों को समझकर समाधान खोजा जाता है।
शिक्षा: छात्रवृत्ति और स्कूल सामग्री वितरण।
स्वास्थ्य: निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर।
रोजगार: युवाओं के लिए स्वरोजगार प्रशिक्षण।
राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका
राष्ट्रीय अध्यक्ष वाई.के. चौधरी के नेतृत्व में संगठन ने शिक्षा और रोजगार को प्राथमिकता देते हुए योजनाओं को लागू किया है। उनका मानना है कि समाज को आत्मनिर्भर बनाकर राष्ट्रीय विकास में भागीदार बनाया जा सकता है।
चुनौतियाँ और समाधान
ABKS ने शिक्षा की कमी, बेरोजगारी और सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ठोस कदम उठाए हैं। संगठन न केवल समस्याओं को उजागर करता है, बल्कि उनके समाधान पर भी जोर देता है।
संदेश
“सशक्त समाज, समृद्ध राष्ट्र—ABKS के साथ कदम बढ़ाएँ और भविष्य को मजबूत करें।”
यह संघ समाज के हर वर्ग के लिए एक प्रेरणा है और समग्र विकास की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।