जब उनसे पूछा गया कि जो युवा सिविल सेवाओं की तैयारी करना चाहते हैं लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उनके लिए क्या संदेश है, तो उन्होंने कहा कि सिविल सेवाओं की परीक्षा की खासियत यह है कि सभी इसे अपनी क्षमता के अनुसार तैयारी कर सकते हैं। उन्होंने इंटरनेट के जरिए उपलब्ध ऑनलाइन पाठ्यक्रमों का उल्लेख किया, जो युवाओं के लिए एक बड़ा सहारा बन सकते हैं।
भाषा की बाधा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य धारणा है कि केवल इंग्लिश जानने वाले लोग ही इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आजकल बहुत सी सामग्री हिंदी में भी उपलब्ध है, और कई संस्थान हिंदी में कोचिंग भी प्रदान कर रहे हैं। उनका मानना है कि यदि कोई समर्पित और अनुशासित तरीके से तैयारी करता है, तो उसकी पृष्ठभूमि या भाषा की बाधा नहीं रहेगी।
अंत में, IPS मृगांक शेखर पाठक जी ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा, “अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन परिश्रम करें।” उनकी प्रेरणादायक बातें निश्चित रूप से युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी। उनके साथ इस संवाद में ‘छठी आंख समाचार’ के प्रधान संपादक Y.K. चौधरी, बनारस मंडल के ब्यूरो चीफ रियाज़ अहमद और कैमरामैन हैदर खान भी उपस्थित थे।
IPS मृगांक शेखर पाठक जी का यह संदेश एक नई उम्मीद और दिशा लेकर आया है। हम सभी को उम्मीद है कि आने वाले समय में युवा सिविल सेवाओं की तैयारी में जुटेंगे और समाज के विकास में अपना योगदान देंगे। उनकी बातें न केवल प्रेरणा देती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि सच्ची मेहनत और समर्पण से कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है।
इस संवाद का उद्देश्य केवल युवाओं को जागरूक करना नहीं, बल्कि उन्हें सशक्त बनाना भी है। समाज में बदलाव लाने के लिए युवाओं को आगे आना होगा, और IPS मृगांक शेखर पाठक जी की बातें निश्चित रूप से उनके मन में सकारात्मकता और विश्वास भरेंगी।
धन्यवाद: IPS मृगांक शेखर पाठक जी का इस प्रेरणादायक संदेश के लिए। हम आशा करते हैं कि उनका संदेश हर युवा के दिल में जागरूकता और प्रेरणा का संचार करेगा।