जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के नौशेरा इलाके में स्थित लाम सेक्टर में भारतीय सेना ने एक अत्यंत सफल और साहसिक सैन्य अभियान को अंजाम दिया है। इस ऑपरेशन के दौरान दो आतंकवादियों को मार गिराया गया, और साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए।
यह ऑपरेशन उस समय शुरू हुआ जब सेना को विश्वसनीय खुफिया जानकारी प्राप्त हुई कि आतंकवादी घुसपैठ की योजना बना रहे हैं। इस अभियान को अंजाम देने के लिए सेना ने इलाके की घेराबंदी की और आतंकियों के ठिकाने पर सटीक और समन्वित हमला किया।
ऑपरेशन का पूरा विवरण
यह सैन्य कार्रवाई 8 सितंबर की रात को शुरू हुई जब भारतीय सेना को एक गुप्त सूचना मिली कि कुछ आतंकवादी नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे हैं।
खुफिया जानकारी के आधार पर, सेना ने तुरंत लाम सेक्टर में अपनी पोज़िशन मजबूत की और आतंकवादियों की तलाश शुरू की। इलाके की पूरी घेराबंदी की गई ताकि आतंकियों को भागने का कोई मौका न मिल सके।
सैन्य सूत्रों के अनुसार, आतंकियों के पास से कई तरह के आधुनिक हथियार, गोला-बारूद, और संचार उपकरण बरामद हुए हैं, जिनसे यह स्पष्ट होता है कि आतंकवादी एक बड़े हमले की योजना बना रहे थे।
सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान अत्यधिक संयम और कौशल का प्रदर्शन किया, जिससे कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ और आतंकवादियों को बेअसर कर दिया गया।
भारतीय सेना का बयान
ऑपरेशन के बाद सेना के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह घुसपैठ की कोशिश पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही नापाक कोशिशों का हिस्सा थी। अधिकारियों का मानना है कि यह घुसपैठ जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फिर से सक्रिय करने के उद्देश्य से की गई थी।
भारतीय सेना के एक प्रवक्ता ने बताया, “यह अभियान आतंकवादियों की घुसपैठ की कोशिश को विफल करने और क्षेत्र की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए था। हमारे जवानों ने अद्भुत साहस और दृढ़ता का परिचय दिया है।”
हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी
अधिकारियों ने यह भी बताया कि मारे गए आतंकवादियों के पास से AK-47 राइफलें, हैंड ग्रेनेड, रॉकेट लॉन्चर, और अन्य कई प्रकार के हथियार बरामद किए गए हैं।
इसके अलावा, आतंकवादियों के पास से संचार उपकरण भी मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि यह घुसपैठ पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के सहयोग से की गई थी।
घुसपैठ की बढ़ती घटनाएं
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। हाल के महीनों में, भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा पर आतंकवादियों की कई घुसपैठ की कोशिशों को विफल किया है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की तरफ से भेजे जाने वाले आतंकवादियों का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में अस्थिरता फैलाना और स्थानीय आबादी के बीच डर पैदा करना है।
इलाके में तलाशी अभियान जारी
हालांकि दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं, लेकिन सेना अब भी इलाके में तलाशी अभियान चला रही है। सेना के अधिकारियों ने कहा है कि इलाके में और भी आतंकवादियों के छिपे होने की आशंका है, इसलिए तलाशी अभियान को जारी रखा गया है। सेना ने स्थानीय निवासियों से संयम बनाए रखने और सुरक्षा बलों के साथ सहयोग करने की अपील की है।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सेना की रणनीति
भारतीय सेना ने पिछले कुछ वर्षों में आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को और मजबूत किया है। सेना ने न केवल नियंत्रण रेखा पर अपनी सुरक्षा चौकियों को मजबूत किया है, बल्कि घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम करने के लिए भी लगातार ऑपरेशन चलाए हैं।
इन अभियानों में सेना को खुफिया एजेंसियों और स्थानीय पुलिस का भी पूरा समर्थन मिलता है। इसी का नतीजा है कि हाल के महीनों में कई घुसपैठ की कोशिशों को विफल किया गया है और कई आतंकवादियों को मार गिराया गया है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
नौशेरा के लाम इलाके में सेना के इस अभियान को लेकर स्थानीय लोग सेना के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। उनका कहना है कि सेना की त्वरित कार्रवाई से न केवल आतंकवादियों की घुसपैठ रोकी गई है, बल्कि इलाके में शांति और सुरक्षा भी बनी हुई है।
एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “हमारी सेना हमारे लिए ढाल की तरह है। उन्होंने समय रहते इस खतरे को खत्म कर दिया, जिसके लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं।”
निष्कर्ष
भारतीय सेना का यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि देश की सुरक्षा के लिए सेना पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों का सख्ती से मुकाबला करने के लिए तैयार है।
सेना की त्वरित और सफल कार्रवाई ने न केवल आतंकियों की नापाक कोशिशों को नाकाम किया है, बल्कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता को भी सुनिश्चित किया है।
प्रधान संपादक: वाई. के. चौधरी, दैनिक छठी आंख समाचार