फिरोजाबाद, 7 दिसंबर 2024:
गांधी पार्क, फिरोजाबाद में आयोजित एक विशाल जनसभा में सूफी संत मलंग मुस्लिम राष्ट्र मंच के राष्ट्रीय संयोजक कल्लू अंसारी ने बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत विविधता में एकता का प्रतीक है और पूरी दुनिया के लिए यह स्वर्ग के समान है।
कल्लू अंसारी ने बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों को तोड़ने और उनकी हत्या करने को इस्लाम के नाम पर किया जा रहा एक घृणित कार्य बताया। उन्होंने कहा,
“इस्लाम में किसी भी धर्म या मजहब का उत्पीड़न जायज नहीं है। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वे इस्लाम की शिक्षाओं से अनभिज्ञ हैं।”
उन्होंने बांग्लादेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हिंदुओं को कमजोर न समझा जाए। यदि अत्याचार जारी रहा, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
भारत की एकता और इतिहास पर जोर
कल्लू अंसारी ने कहा कि भारत हमेशा से एकता का संदेश देता आया है। उन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे भारत ने बांग्लादेश को आजादी दिलाई और पाकिस्तानी जनरल को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया। उन्होंने कहा,
“जब भी हमारे देश पर संकट आया, सभी धर्मों के लोग एक साथ खड़े हुए और दुश्मनों को हराया।”
हम सभी भारतीय मूल के हैं
कल्लू अंसारी ने भारत में सभी धर्मों के लोगों की समानता और एकता पर जोर देते हुए कहा,
“हम मुस्लिम समाज के लोग मूल रूप से भारतीय हैं। हमारा डीएनए और रक्त एक है। हम श्रीराम के वंशज हैं। हमारी शक्ल और पहचान अरब, तुर्क या चीनियों से नहीं मिलती, क्योंकि हम भारत के निवासी हैं।”
मानवाधिकारों की रक्षा की अपील
उन्होंने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों को मानवाधिकार और मानवीय मूल्यों का हनन बताया। उन्होंने भारत सरकार से अपील की कि यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाए।
गांधीवादी विचारधारा और भारत की शक्ति
अंसारी ने कहा कि मुस्लिम राष्ट्र मंच गांधीवादी है, लेकिन अब भारत बदल चुका है। उन्होंने आतंकवादियों को उनके घर में घुसकर जवाब देने की भारत की क्षमता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत अब कमजोर नहीं है।
जनसभा में दिया एकता का संदेश
कल्लू अंसारी ने भारत की विविधता को उसकी सबसे बड़ी ताकत बताते हुए कहा,
“हमारा हिंदुस्तान सब धर्मों और भाषाओं का गुलिस्तां है। यह देश दुनिया के लिए एक मिसाल है, जहां एकता में शक्ति झलकती है।”
जनसभा के अंत में उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की घोर निंदा करते हुए मानवाधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की।