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बुलंदशहर: सादा वर्दी में आए पुलिसकर्मियों पर धमकी और उगाही का आरोप, पीड़ित ने SSP से न्याय की गुहार लगाई

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बुलंदशहर, 28 अगस्त 2024: जिले के पहासू थाना क्षेत्र के नगलिया टक्कर गाँव में रहने वाले एक व्यक्ति ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित हरीराम पुत्र रामपाल सिंह ने आरोप लगाया है कि सादा वर्दी में आए दो पुलिसकर्मियों ने न केवल उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दी, बल्कि उनसे 2 लाख रुपये भी उगाह लिए।

हरीराम ने बताया कि वह अपनी जमीन पर, जो पहासू रोड पर स्थित है, एक छोटा होटल संचालित करता है। यह जमीन तहसील खर्जा के अंतर्गत आती है। पिछले कुछ समय से तेजप्रताप सिंह और प्रदीप नामक दो सिपाही, जो शिकारपुर थाना क्षेत्र के हैं, सादा वर्दी में आकर हरीराम के होटल पर धमकियां देते रहे हैं। हरीराम के अनुसार, ये पुलिसकर्मी उन्हें झूठे शराब के केस में फंसाने की धमकी देते हैं और गाली-गलौज करते हैं।

हरीराम ने बताया कि इन पुलिसकर्मियों ने 27 अगस्त 2024 की रात को फिर से आकर उनके होटल पर तोड़फोड़ की और एक दरोगा के साथ मिलकर उसे और वीरेन्द्र कुमार नामक अन्य व्यक्ति को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। हरीराम ने पुलिस के इस कृत्य की वीडियो भी बनाई थी, लेकिन जब गांव के मनोज ने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को बुलाया, तब इन पुलिसकर्मियों ने हरीराम का फोन छीनकर वीडियो को डिलीट कर दिया और मौके से फरार हो गए। बाद में जब पहासू थाने की पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक आरोपी पुलिसकर्मी वहां से जा चुके थे।

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हरीराम ने अपनी तहरीर में एक और व्यक्ति, सोनू का भी जिक्र किया है। सोनू, जो पलस गांव का निवासी है और पलरा झार नहर पर परचूनी की दुकान चलाता है, ने इन पुलिसकर्मियों को बुलाया था। हरीराम का आरोप है कि सोनू इन पुलिसकर्मियों की मुखबरी करता है और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने में मदद करता है।

हरीराम ने SSP से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और थानाध्यक्ष पहासू को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दें। हरीराम ने अपनी जान को खतरा बताते हुए न्याय की मांग की है।

इस घटना ने स्थानीय समुदाय में भय का माहौल पैदा कर दिया है, और पुलिस प्रशासन की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित की तहरीर के आधार पर मामले की जांच की मांग की जा रही है ताकि दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या पीड़ित हरीराम को न्याय मिल पाता है या नहीं। इस घटना ने एक बार फिर पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

प्रधान संपादक: वाई. के. चौधरी, दैनिक छठी आंख समाचार

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