
भ्रष्टाचार के मामले में 10 साल की सज़ा को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला
बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा मोड़ तब आया जब सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 15 जनवरी 2025 को, देश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की अध्यक्ष खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के एक मामले में बरी कर दिया। यह फैसला हाईकोर्ट द्वारा दी गई 10 साल की सजा को पलटते हुए आया, जिसमें उन पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला
मुख्य न्यायाधीश डॉ. सैयद रिफ़ात अहमद की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला सुनाया। खालिदा जिया ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। अदालत ने कहा कि पेश किए गए साक्ष्यों में गंभीर कमियां थीं, जिससे यह साबित नहीं हो सका कि सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है।
भ्रष्टाचार का मामला और सजा
यह मामला ज़िया अनाथालय ट्रस्ट से जुड़ा था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सरकारी धन का अनुचित तरीके से उपयोग किया गया। 8 फरवरी 2018 को, ढाका के विशेष न्यायालय-5 ने खालिदा जिया को पांच साल की सजा सुनाई थी। बाद में, हाईकोर्ट ने इस सजा को बढ़ाकर 10 साल कर दिया था।
खालिदा जिया की उम्र और स्वास्थ्य ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
79 वर्षीय खालिदा जिया कई स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही हैं। उनका स्वास्थ्य उनकी अपील में एक प्रमुख कारक था, जिसे अदालत ने गंभीरता से लिया। पिछले महीने ही वह इलाज के लिए लंदन गई थीं। उनके वकीलों ने अदालत में तर्क दिया कि उनका स्वास्थ्य और उम्र इस मामले में नरमी बरतने के लिए पर्याप्त कारण हैं।
बीएनपी की प्रतिक्रिया
बीएनपी समर्थकों और नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। पार्टी के महासचिव ने इसे न्याय की जीत और लोकतंत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के तहत लगाए गए झूठे आरोपों का पर्दाफाश करता है।

सरकार की ओर से अब तक इस फैसले पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कुछ अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे फैसले की समीक्षा करेंगे।
राजनीतिक प्रभाव
इस फैसले का बांग्लादेश की राजनीति पर गहरा असर पड़ने की संभावना है। खालिदा जिया और उनकी पार्टी लंबे समय से दावा करती रही हैं कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित थे। अब, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद, बीएनपी को आगामी चुनावों में नई ऊर्जा मिल सकती है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले को लोकतांत्रिक प्रक्रिया और न्यायिक स्वतंत्रता के पक्ष में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। कई मानवाधिकार संगठनों ने पहले ही खालिदा जिया के स्वास्थ्य और उनके मामले में न्याय की मांग की थी।
राजनीतिक उठापटक जारी
बांग्लादेश की राजनीति में खालिदा जिया और वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता रही है। ऐसे में यह फैसला आने वाले समय में राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है।
समाप्ति
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला न केवल खालिदा जिया के लिए बल्कि बांग्लादेश की न्याय प्रणाली और राजनीतिक माहौल के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले के बाद बांग्लादेश की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।