रिपोर्ट: पत्रकार नजमुल इस्लाम, छठी आंख समाचार पत्र
आज सुप्रीम कोर्ट में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर 7 जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखा।
इस निर्णय से एएमयू से जुड़े लोगों के साथ-साथ पूरे अल्पसंख्यक समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। इस अवसर पर राम रहीम फुटपाथ लघु व्यापार समिति के प्रदेश अध्यक्ष नत्थू खां के नेतृत्व में मिठाई बांटकर जश्न मनाया गया।
खुशी जाहिर करते हुए अमजद हुसैन ने कहा कि यूपीए की मनमोहन सरकार ने अपने कार्यकाल में एएमयू को अल्पसंख्यक दर्जा देने का समर्थन किया था, लेकिन 2016 में एनडीए की मोदी सरकार ने इसका विरोध करते हुए एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को खत्म करने की बात कही थी। आज सुप्रीम कोर्ट के 7 जजों की बेंच द्वारा इस फैसले ने अल्पसंख्यक समाज में उम्मीद की एक नई किरण जगा दी है।
प्रदेश अध्यक्ष नत्थू खां ने इस फैसले को संविधान और न्याय की जीत बताते हुए कहा कि एएमयू की स्थापना सर सैयद अहमद खान ने अल्पसंख्यक समुदाय के विकास और कल्याण के लिए की थी। आज के इस फैसले ने उनके सपनों को साकार किया है, और उन पर होने वाले किसी भी प्रकार के नकारात्मक असर को रोक दिया है।
इस अवसर पर समिति के अन्य सदस्यों में मोहम्मद मंसूर, रईस अहमद, अब्दुल सलाम, बन्ने टेलर, शब्बीर मुखियाजी, गुलशेर भाई, बन्ने मलिक और ताहिर खान सहित कई सदस्य मौजूद रहे।