
जमालपुर हमदर्द नगर, अलीगढ़, 15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश को शुभकामनाएं देते हुए डॉक्टर आबिद साहब ने कहा कि यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक है।
स्वतंत्रता दिवस केवल एक तारीख नहीं, बल्कि उन अनगिनत शहीदों की याद है जिन्होंने हमारे मुल्क को आजाद कराने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उनका योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता।
डॉक्टर आबिद ने इस मौके पर कहा, “स्वतंत्रता दिवस हमारे उन वीर सपूतों की कुर्बानी की याद दिलाता है जिन्होंने हमें यह आजादी दिलाई। आजादी के लिए की गई उनकी कोशिशें और बलिदान हर भारतीय के दिल में हमेशा जिन्दा रहेंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि आज का दिन हमें सिर्फ खुशियों का एहसास नहीं कराता, बल्कि उन जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है जो हमें एक आजाद देश के नागरिक के तौर पर निभानी चाहिए।
आजादी का महत्व और शहीदों की कुर्बानी:
डॉक्टर आबिद का मानना है कि आजादी सिर्फ एक शब्द नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी है जो हमें हमारे पूर्वजों ने सौंपी है।
उन्होंने बताया कि आज हमें उन शहीदों को भी याद करना चाहिए जिन्होंने अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे लिए इस आजादी को हासिल किया। उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस आजादी की कदर करें और इसे मजबूत बनाए रखें।”
डॉक्टर साहब ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर हमें यह प्रण लेना चाहिए कि हम उन सपनों को पूरा करेंगे जिनके लिए हमारे शहीदों ने अपनी जान दी।
“हमें यह सुनिश्चित करना है कि हम एक मजबूत, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण समाज का निर्माण करें, जो हर भारतीय को समान अवसर और सम्मान प्रदान करे,” उन्होंने कहा।
वर्तमान चुनौतियां और हमारा कर्तव्य:
डॉक्टर आबिद ने दैनिक छठी आंख समाचार की टीम से बात करते हुए वर्तमान समय की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आज देश कई प्रकार की चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमें इन चुनौतियों का सामना एकजुट होकर करना होगा।
आज हम जिन आजादी का आनंद ले रहे हैं, वह केवल हमारे लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें अपनी आजादी को संरक्षित करना है और इसके लिए समाज में जागरूकता फैलानी होगी।
“हमारे युवाओं को यह समझना चाहिए कि स्वतंत्रता का अर्थ केवल बाहरी शत्रुओं से मुक्त होना नहीं है, बल्कि यह आंतरिक रूप से भी एक स्वतंत्रता का भाव है। हमें हर प्रकार के भेदभाव, असमानता और अन्याय से भी लड़ना होगा,” डॉक्टर साहब ने कहा।
शिक्षा का महत्व और सामाजिक सुधार:
डॉक्टर आबिद ने शिक्षा के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे हम एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं।उन्होंने कहा, “हमें अपने बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करनी चाहिए ताकि वे अपने देश की सेवा कर सकें और इसे और अधिक मजबूत बना सकें।”
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त करना हमारा फर्ज है। “हमें समाज में फैली असमानता, भेदभाव और अन्याय के खिलाफ भी लड़ना होगा। तभी हम असल मायनों में आजाद कहलाएंगे,” उन्होंने कहा।
समापन और भविष्य की उम्मीदें:
डॉक्टर आबिद ने अपने संदेश के अंत में कहा कि हमें हर दिन इस बात का एहसास होना चाहिए कि हमारी आजादी हमें कितनी मुश्किलों और बलिदानों के बाद मिली है। “हमें इस आजादी की कद्र करनी चाहिए और इसे बनाए रखने के लिए हरसंभव कोशिश करनी चाहिए,” उन्होंने कहा।
उन्होंने इस बात की उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत और भी मजबूत, समृद्ध और एकजुट राष्ट्र बनेगा। “हमें एकजुट होकर देश की प्रगति और विकास के लिए काम करना होगा ताकि हम अपने शहीदों के सपनों को साकार कर सकें,” उन्होंने कहा।
दैनिक छठी आंख समाचार के प्रधान संपादक वाई के चौधरी ने भी डॉक्टर आबिद के विचारों का समर्थन किया और कहा कि हमें स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर उन सभी वीर सपूतों को नमन करना चाहिए जिन्होंने हमारे लिए यह आजादी हासिल की।
(लेखक: दैनिक छठी आंख समाचार की टीम)