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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को निधन हो गया, जिससे पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों, नेताओं और आम जनता ने गहरा दुःख व्यक्त किया है।

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राजनीतिक जगत की प्रतिक्रियाएँ

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने डॉ. सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “देश ने एक महान नेता और अर्थशास्त्री खो दिया है। उनकी विरासत सदैव हमारे साथ रहेगी।”

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिल्ली स्थित डॉ. सिंह के आवास पर पहुँचकर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।

डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान

डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जाना जाता है। 1991 में, जब देश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में उदारीकरण की नीतियाँ लागू कीं, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उनके नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया।

प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल (2004-2014) के दौरान, उन्होंने कई सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की शुरुआत की, जिनमें मनरेगा, शिक्षा का अधिकार और खाद्य सुरक्षा अधिनियम प्रमुख हैं। उनकी नीतियों ने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विवाद और चुनौतियाँ

अपने कार्यकाल के दौरान, डॉ. सिंह को कई चुनौतियों और विवादों का सामना करना पड़ा। उनकी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने उनकी छवि को प्रभावित किया, लेकिन उन्होंने हमेशा अपने ऊपर लगे आरोपों का दृढ़ता से खंडन किया। उनकी नेतृत्व शैली को लेकर भी कई बार सवाल उठे, लेकिन उन्होंने अपने शांत और संयमित स्वभाव से सभी चुनौतियों का सामना किया।

अर्थशास्त्र में योगदान

डॉ. सिंह ने अपने करियर की शुरुआत एक अर्थशास्त्री के रूप में की थी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उनकी आर्थिक नीतियों और विचारों ने न केवल भारत, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव डाला।

व्यक्तिगत जीवन

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गाह में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। उनकी सादगी, ईमानदारी और विद्वता के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे।

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अंतिम संस्कार

डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता, विदेशी प्रतिनिधि और आम जनता ने भाग लिया। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए, जिन्होंने अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई दी।

देश की प्रतिक्रिया

डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर देशभर में शोक सभाओं का आयोजन किया गया। सामाजिक मीडिया पर लोगों ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। उनकी सादगी, विद्वता और नेतृत्व के लिए उन्हें सदैव स्मरण किया जाएगा।

निष्कर्ष

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन और कार्य भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनकी नीतियों और विचारों ने देश को नई दिशा दी और विकास के पथ पर अग्रसर किया। उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है, लेकिन उनकी विरासत सदैव जीवित रहेगी।

उनकी स्मृति में आयोजित शोक सभाओं और श्रद्धांजलि कार्यक्रमों में लोगों ने उनके प्रति अपने सम्मान और प्रेम को व्यक्त किया। देश ने एक महान नेता, विद्वान और सच्चे देशभक्त को खो दिया है, जिसकी भरपाई करना कठिन होगा।

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन हमें सिखाता है कि सादगी, ईमानदारी और दृढ़ संकल्प के साथ किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उनकी विरासत हमें प्रेरित करती रहेगी और उनके योगदान को देश सदैव याद रखेगा।

उनकी स्मृति को नमन करते हुए, हम उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं और उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का प्रयास करेंगे।

डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक युग का अंत है, लेकिन उनकी शिक्षाएँ और मूल्य सदैव हमारे साथ रहेंगे।

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