
10 सितम्बर 2024 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग द्वारा ‘विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस 2024’ के अवसर पर एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मार्गदर्शन विभाग के अध्यक्ष प्रो. शाह आलम ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरान की आयतों के पाठ से हुई, जिसे मिस सेहर ने प्रस्तुत किया। इसके बाद मिस सना और मिस सदाफ ने अतिथियों और उपस्थित लोगों का स्वागत भाषण दिया।

प्रो. शाह आलम ने आत्महत्या के वैश्विक महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक गंभीर समस्या है, जो सभी आयु वर्गों को प्रभावित करती है, विशेषकर युवाओं को।
उन्होंने आत्महत्या के कारणों का विश्लेषण किया, जैसे कि छात्रों और युवा वयस्कों पर अत्यधिक दबाव, अत्यधिक प्रतिस्पर्धा और माता-पिता की असाधारण अपेक्षाएँ। उन्होंने यह भी बताया कि आत्महत्या करने वाले 70-72% लोग पहले मौखिक संकेत दे चुके होते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मानसिक संतोष और समय प्रबंधन के महत्व को भी रेखांकित किया।
कार्यक्रम में माननीय प्रोफेसर नईमा खातून, विश्वविद्यालय की कुलपति, ने भी भाग लिया और परियोजना तथा छात्रों की मेहनत की सराहना की। इसके बाद एक रैली का आयोजन किया गया, जो कला संकाय लॉन से प्रशासनिक ब्लॉक तक मार्च की गई। रैली में हस्तनिर्मित नारे और पोस्टर लिए गए और इसमें एएमयू के डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर रफीउद्दीन भी शामिल हुए, जिन्होंने रैली को प्रोत्साहित किया।
यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम जमालपुर के मिन्हाज कॉम्प्लेक्स स्थित इलेक्ट्रिक हाउस द्वारा प्रायोजित था। श्री सरदार मशहूद खान, महाप्रबंधक, जिन्होंने दुबई, कतर और केएसए में 30+ वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है, अलीगढ़ के युवा छात्रों के लिए व्यवसाय अवसरों की मदद करने और अलीगढ़ में योगदान देने के उद्देश्य से लौटे हैं।
दैनिक छठी आंख न्यूज़ की टीम ने इस कार्यक्रम की कवरेज की, जिसमें प्रधान संपादक वाई के चौधरी और वरिष्ठ पत्रकार मुस्तफा RK शेरवानी उपस्थित रहे।
इस अभियान ने विश्वविद्यालय और समुदाय में आत्महत्या की रोकथाम के प्रति जागरूकता फैलाने और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।