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प्रोफेसर उमेश कदम ने प्रॉक्टर ऑफिस के गार्ड्स की दीवार हटवा कर छात्रों का मेमोरेंडम लिया, प्रॉक्टीरियल टीम शर्मसार होकर किनारे खड़ी देखती रही।

छात्र कह रहे पिछले इसी मेंबर्स ने अपने फायदे के लिए गलत वीसी का चयन किया था, इस बार ऐसे वीसी का ईसी मेंबर चयन करें जो विश्वविद्यालय के हित में काम करे, ना कि अपने ज़ाती हित में।

छात्रों ने ईसी मेंबर्स से विश्वविद्यालय के हित में काम करने वाला वीसी चुनने की अपील करते हुए सभी मेंबरों को ज्ञापन सौंपे।

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी तारिक मंसूर का पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा और कार्यकाल पूरा करके जाते-जाते भी विवादों ने तारिक मंसूर का पीछा नहीं छोड़ा, जिसकी वजह से उनकी कार्यशैली पूरी तरह धूमिल हुई और अलीग बिरादरी में उनकी इज़्ज़त जाती रही।

हद तो तब हो गई जब कोरोना का बहाना बनाते हुए तारिक मंसूर ने एक साल का एक्सटेंशन अगले वीसी का चुनाव कराने के लिए मांगा, लेकिन एक साल के एक्सटेंशन पीरियड में भी कोई काम किए बिना और अगले वीसी की चयन प्रक्रिया कार्रवाए बिना ही रातों-रात भगोड़ों की तरह अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ कर भाग गए।

तकरीबन 6 महीने से प्रोफेसर गुलरेज़ के पास कार्यकारी कुलपति का चार्ज होने के बाद भी जब वीसी की चयन प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही थी तो अमूवी कैंपस में छात्रों एवं टीचरों ने “सेव एक्ट, सेव एएमयू” के नाम से आंदोलन चलाया जिसको कामयाबी मिली और अब अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नए वीसी की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है।

इसी क्रम में आज दिनांक 30 अक्टूबर 2023 को अमूवी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग है, जिसमें अपेक्षित सभी उम्मीदवारों में से पांच का चयन करके नाम यूनिवर्सिटी कोर्ट को भेजे जाएंगे। इसी मौके पर सभी की निगाहें ईसी मेंबर्स और उनके फैसले पर टिकी हुई हैं। कल तक अमूवी कैंपस में और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से जुड़े हुए लोगों के बीच सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बहुत सारी अफवाहें और बहुत सारी सही खबरें भी गर्दिश करती रही।

आज सुबह 10:00 बजे जब इसी की मीटिंग शुरू होनी थी तो कुछ छात्र सर सैयद हाउस जहां इसी की मीटिंग होनी थी वहां पहुंच गए और शांतिपूर्वक तरीके से प्ले कार्ड हाथ में लेकर अपना मैसेज दिया। अलग-अलग प्ले कार्ड पर अलग-अलग स्लोगन लिखे हुए थे जैसे की “हमें संघी वीसी नहीं चाहिए”, “हमें लालची वीसी नहीं चाहिए हमें”, “विश्वविद्यालय के हित में काम करने वाला वीसी चाहिए” आदि।

छात्रों ने मीटिंग के लिए आने वाले सभी ईसी मेंबर्स को पैनल प्रक्रिया शुरू होने की मुबारकबाद देते हुए पिछले वीसी और उनको चुनने वाले ईसी मेंबर्स पर तंजिया टिप्पणी करते हुए यह कहा कि “उन लोगों ने तारिक मंसूर को जानते हुए भी अपने ज़ाती फायदे के लिए गलत आदमी का चयन किया था जिसका खामियाजा पूरे विश्वविद्यालय को पिछले 6 साल में भुगतना पड़ा, अब फैसला आप लोगों के हाथ में है तो आप लोगों से हम अपील करते हैं कि अच्छे वीसी का चयन करें जो विश्वविद्यालय के हित में काम करें और विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक लेकर जाए”।

इस बातचीत के अलावा छात्रों ने लिखित तौर पर एक मेमोरेंडम भी एग्जीक्यूटिव काउंसिल के सभी मेंबरों के समक्ष प्रस्तुत किया जिसमें इसी तरह की अपील की गई थी।

छात्रों ने यह भी कहा कि गलत इंसान के चयन से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं यह सब तजुर्बा हमने पिछले 6 साल में किया और विश्वविद्यालय इससे ज्यादा एक गलत आदमी को वॉइस चांसलर की कुर्सी पर बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं और ना ही विश्वविद्यालय के छात्र इसके लिए तय्यार हैं और अगला वीसी भी अगर कोई तारिक मंसूर की तरह गलत आदमी को चुना गया तो चुनने वाले ईसी मेंबरों की जवाबदेही तय करी जाएगी।

इस मौके पर छात्रों की प्रॉक्टर टीम से नोक झोंक भी हुई, डिप्टी प्रॉक्टर प्रोफेसर ज़ेदी ने छात्रों से कहा कि अब तो वीसी पैनल बन बन रहा है तो फिर अब क्यों आए हो? तो छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा की “लगता है आपको वीसी पैनल प्रक्रिया शुरू होने की बहुत तकलीफ हुई है, ऐसा लगता है कि आपकी कोई जाति मिल्कियत लुट रही है जो इतना तकलीफ में है, हम आपसे अपील करते हैं कि आप जिस विश्वविद्यालय की नौकरी कर रहे हैं उसके लिए काम करें अपने जाति हितों के लिए नहीं”।

राष्ट्रपति नॉमिनी, प्रोफेसर उमेश कदम जब अपनी गाड़ी से सर सय्यद अकादमी की तरफ आए तो प्रॉक्टीरियल टीम ने छात्रों को छुपाने के लिए सभी गार्डों को उनके सामने लाइन बनाकर खड़ा कर दिया तो प्रोफेसर उमेश कदम ने अपनी गाड़ी रुकवा कर गार्डों से हटने के लिए कहा और छात्रों को अपने पास बुलाकर उनकी पूरी बात सुनी, मेमोरेंडम लिया और उनकी लगन और विश्वविद्यालय के लिए उनके प्रेम को देखते हुए उन्हें शुभकामनाएं भी दी।

इस मौके पर खुर्रम, अल्तमश, यासिर, जुनैद, ओवैस, रियाज, राशिद, जेडी, मुजाहिद आदि छात्र मौजूद रहे।